सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में इनोवेटिव आंसर लिखने वाले परीक्षार्थियों को अधिक अंक मिलेंगे। विद्यार्थी अगर रटे-रटाए उत्तर से अलग हटकर उत्तर देते हैं, तो इसके लिए परीक्षक ज्यादा अंक दें सकेंगे। सीबीएसई ने मार्किंग सिस्टम में यह बदलाव किया है। इसकी जानकारी परीक्षकों को दी जा रही है। परीक्षक इन इनोवेटिव आंसर की लेखन शैली को परखकर अंक दे सकते हैं। हाल ही में सीबीएसई ने यह निर्देश स्कूलों को दिए हैं। इसमें कहा गया है कि वे अपने यहां के छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस कराएं। परीक्षा में इस बार पहले से चले आ रहे पारंपरिक सवाल के उत्तर को अधिक प्राथमिकता देने की बजाए अलग हटकर जवाब देने वाले स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित किया जाएगा। अब तक इनोवेटिव या अलग हटकर जवाब देने वाले छात्र व पारंपरिक जवाब देने वाले छात्रों को एक जैसा अंक मिलता था। इससे कहीं न कहीं क्रिएटिव छात्रों को नुकसान होता था। एक्सपर्ट रविन्द्र सेन ने बताया कि सीबीएसई ने मार्किंग सिस्टम में बदलाव किया है। इसका फायदा प्रश्न समझ कर अपनी भाषा में उत्तर देने वाले स्टूडेंट्स को मिलेगा। नई व्यवस्था को ठीक से लागू करने के लिए कॉपी जांच शुरू होने से पहले परीक्षकों की एक बैठक भी होगी, ताकि इस व्यवस्था का लाभ छात्रों को मिल सके।
टॉपिक समझकर उत्तर करें तैयार
बोर्ड की ओर से परीक्षा शुरू होने से पहले इसकी जानकारी छात्रों, शिक्षकों, प्रिंसिपल व परीक्षकों को दी गई है। स्टूडेंट्स को टॉपिक समझकर अपने शब्दों में उत्तर लिखने की कला सिखाई है। इसके लिए स्कूल स्तर पर महत्वपूर्ण चैप्टर के कई टॉपिक लिखकर रिवीजन भी करवाया गया है। इस बार अनिवार्य वाले सवालों की संख्या को बोर्ड ने कम किया है। छात्रों से मल्टीपल च्वाइस वाले प्रश्न अधिक पूछे जाएंगे।
एग्ज़ाम में लॉजिकल आंसर दिया तो मिलेंंगे ज्यादा अंक