शिशु चिकित्सालय में 31 दिसम्बर को हुई नवजात बच्ची की मौत के बाद 5 कर्मचारियों को सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया था। कर्मचारियों को बहाल की मांग को लेकर चिकित्सा कर्मी व नर्सिंग कर्मियों ने शनिवार को जिलेभर में 2 घंटे कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीज अस्पताल में ओपीडी के बाहर लाइन लगाकर चिकित्सक का आने का इंतजार में बैठे रहे। हालांकि कार्य बहिष्कार के चलते इमरजेंसी में चिकित्सकों को ड्यूटी लगाई गई।
सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष मोहनलाल सिंधी और राजस्थान नर्सिंग एसोशियसन के जिलाध्यक्ष पुष्पराज शर्मा ने बताया कि जब तक चिकित्सा कर्मियों को बहाल किया नही जाएगा, तब तक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। सरकार ने आनन फानन में उन चिकित्सा कर्मियों को निलंबित किया जिन्होंने घटना के समय बच्चो को बचाया था। ऐसे में सरकार के प्रति आक्रोश है। इन्हे तो 26 जनवरी पर सम्मानित करना चाहिए। जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना बच्चों की जान बचाई। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सम्मानित की जगह निलंबित कर दिया।
गौरतलब है कि 31 दिसंबर को शिशु चिकित्सालय के एफबीएनसी वार्ड मे लगी मशीन में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई। जिस कारण एक बच्ची झुलस गई। जिसकी जयपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई। जिसके बाद सरकार ने दो चिकित्सक व तीन नर्सिंग कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था।